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व्यसनाधीनता एक हानिकारक व्याधी

मादक पदार्थों की लत अर्थात मादक पदार्थों से जुडी व्यसनाधीनता एक हानिकारक व्याधी है, जिस के प्रमुख लक्षण है मादक पदार्थों को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास करने की अनिवार्यता तथा उन पदार्थों का सेवन करने की तीव्र इच्छा. इन दोनो लक्षणों को नियंत्रित करना अतिकठीण होता है. मादक पदार्थों के दीर्घकालीन सेवन से मस्तिष्क में ऐसे परिवर्तन होते है जो उस व्यक्ति के आत्म-नियंत्रण को ही ललकारते है जिस के परिणाम स्वरूप मादक पदार्थों का सेवन करने की तीव्र इच्छा को विरोध करने की उनकी क्षमता भारी मात्रा…

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व्यसनाधीनता के प्रारंभिक चरण

व्यसनाधीनता क्या है ? सामान्यत: हम उस आदत को व्यसन कहते है, जिसे सामजिक स्तरपर अस्वीकार किया जाता है या ऐसे विपरित आदत के रूप में देखा जाता है, जो संभवत: व्यसनी व्यक्ति के लिए शारीरिक, मानसिक और वित्तीय नुकसान का कारण बनती है. इस प्रकार व्यसन शब्द का उपयोग आम तौर पर व्यक्तिगत जीवन के एक अंधेरे पक्ष के लिए किया जाता है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समाज को भी प्रभावित करता है. यद्यपि यह कहा जाता है कि व्यसनाधीनता विपरित आदत की अटल परिणति है तथा…

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दारू के व्यसन से मुक्ति कैसे पायी जा सकती है ?

दारू के व्यसन से मुक्ति पाना संभव है, किंतु इस के लिए अनेक स्तर पे उपचार करने की आवश्यकता होती है. किसी भी व्यक्ति को इस से मुक्त करने के लिए यह समझना उपयुक्त है कि वि इस व्यसनाधीनता में किस कारण फसता गया है. दारू के व्यसन से मुक्ति पाने के उपचारों को सामान्यत: पांच मुख्य गुटों में बाँटा जा सकता है. यह है : परामर्श एवम आधार की व्यवस्था मानसिक समस्याओंका समाधान शारिरीक समस्याओं का समाधान विलासी प्रवृत्ती या जीवनशैली नशे कीघृणा निर्माण करनेवाली दवाएँ परामर्श एवम आधार…

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दारू के घातक व्यसन का नकारात्मक प्रभाव

दारू या मदिरा या शराब पीना एक घातक व्यसन है, जो केवल दारू पीनेवाले व्यक्ती को ही नहीं, पर उस के कुटुंब को भी धीरे धीरे खोकला कर देता है. दारू पीने के पश्चात मस्तिष्क में एंडोर्फिन नामक रसायन की मात्रा बढती है. यह रसायन मस्तिष्क को सब कुछ यथायोग्य चल रहा है, अच्छा है ऐसी अनुभूती देता है. इस अनुभूती से जुडी हुई है मस्तिष्क की एक विशेष प्रणाली जिसे ब्रेन रिवार्ड सिस्टिम के नाम से जाना जाता है. यह प्रणाली, मस्तिष्क को उन अनुभवों के कारणों से अधीन…

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