स्वस्थ केश पाने के सरल, सहज उपाय
स्वस्थ केश पाने के कुछ सरल,सहज उपाय है. स्वस्थ केशों की जड़ में, शरीर में उत्पन्न प्राकृतिक तेल रहता है, जो सामान्यत: केशों को को पोषण देने में सहाय्यक भूमिका निभाता है. इस तेल के कारण केश काले तथा दृढ बनने में सहाय्यता होती है. यह तेल केशों के नीचे होनेवाली, कई कोशिकाओं तथा बारीक नसों को भी पोषण देता है.आजकल, कई लोग सिर पर साबुन लगाकर हर दिन स्नान करते हैं.
साबुन का यह उपयोग, केशों की जड़ पर होनेवाले प्राकृतिक तेल को घटाने का मुख्य कारण बनता है. इसके परिणामस्वरूप केश, रुखेसूखे हो जाते हैं तथा अंततः केश गिरने की समस्या बढने लगती हैं. धीरे धीरे इस समस्या का अंत गंजापन या भूरे केश मे हो सकता हैं.
मालिश
इसलिए केशों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए, पूरक तेल से मालिश आवश्यक है. सिर की मालिश के समय, सिर को अपने हाथों से धीरे से रगड़ना चाहिए. सर्दियों में सरसों के तेल और गर्मियों में तिल के तेल मालिश के लिए अधिक योग्य है.
मालिश के पश्चात, तैलीय हथेलियों से धीरे से केशों को खींचें तथा केशों को उन के मूलपे रगड़ें. इस से केशों की जड़ों को एक प्रकारसे व्यायाम हो जाता है. इस व्यायाम से आवश्यक मात्रा में प्राकृतिक तेलों का पुनर्निमाण होने लगता है. जैसे-जैसे केशों की जड़ें सक्रिय और स्वस्थ होंगी, केश भी घने होते रहेंगे.
मालिश के पश्चात सिर को हथेलियों से बहुत धीरे से दबाएं, केशों को विभिन्न दिशा में झुकाएं तथा केशों को थोड़ा खींचें. इस अभ्यास के साथ, केशों की जड़ में होनेवाले छिद्र, जो प्राकृतिक तेल का उत्पादन करते हैं, उजागर होते हैं. जैसे ही रक्त संचार तेज होता है, जड़ के पास के अंगों को रक्त की आपूर्ति बढ़ जाती है. उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक सक्षम हो जाती है. इस प्राकृतिक तेल के कारण केश काले रहेंगे तथाकेशों का गिरना कम होगा.केश कोमल, घने एवम सुंदर दिखने लगेंगे.
सावधानी एवम योग
गर्मियों या सर्दियों में खुले में घूमने न जाएं. हानिकारक ठंड तथा सीधे धूप से केशों में सूखापन आ जाता है जिससे बचना चाहिए.
शीर्षासन या सर्वांगासन जैसे योगासन, केशों को, मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में सहाय्यक होते हैं, क्योंकि दोनों ही आसन के कारण सिर की ओर का रक्त संचार बढ़ता हैं. यदि इन दोनों आसनों का अभ्यास, युवावस्था से, नियमित रूप से किया जाए, तो इस बात की अधिक संभावना है कि दीर्घकाल तक केश काले रहेंगे.