क्या है मधुमेह ?
मधुमेह मेलेटस, जिसे सामान्यत: मधुमेह के रूप में जाना जाता है, चयापचय से संबंधित रोगों का एक ऐसा समूह है जिस में दीर्घ कालतक रक्त में शर्करा का स्तर उच्च रहता है.
अनेक कारण
आज के युग में, सामान्यत: यह अनुचित जीवन शैली के कारण होने वाली व्याधी है. मधुमेह वंशानुगत भी हो सकता है, किंतु एक परिवार में वंशानुगत कारकों (जीन म्यूटेशन) के परिणामों को तथा जीवनशैली से संबंधित व्यवहार के कारण होने वाले प्रभावों को विलग करना कठीन हो सकता है.
इस व्याधी का प्रमुख कारण, या तो अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया नहीं देती हैं.
लक्षण
उच्च रक्त शर्करा के सामान्य लक्षणों में बार-बार मूत्रविसर्जन की आवश्यकता पडना, तृष्णा में बढोत्री एवम क्षुधा में वृद्धि जैसे लक्षण दिखते है. यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो यह विकार कई जटिलताओं का कारण बन सकता है. तथा अंतिमत: हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रोनिक किडनी की विफलता, पैर के अल्सर और आंखों की अपरिवर्तित क्षति जैसे गंभीर मोड़ ले सकता है.
इस व्याधी के चार मुख्य प्रकार हैं:
मुख्य प्रकार
पहले प्रकार में अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल रहता है। इस फॉर्म को पहले ‘इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस’ या ‘जुवेनाइल डायबिटीज’ के रूप में जाना जाता था.इंसुलिन का उत्पादन करने की विफलता के कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हैं.
टाइप 2 मधुमेह, इंसुलिन प्रतिरोध के साथ आरंभ होता है.यहएक ऐसी स्थिति है,जिसमें कोशिकाएं इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया करने में विफल रहती हैं. रोग बढ़ने पर इंसुलिन की कमी भी हो सकती है. इस फॉर्म को पहले नॉन इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस ’के रूप में जाना जाता था.
गर्भकालीन मधुमेह इसका तीसरा प्रमुख रूप है और यह तब होता है, जब गर्भवती महिलाओं में मधुमेह के पिछले इतिहास के बिना ही, रक्तमें शर्करा का स्तर बढने लगता है.
कुछ उपाय
इस प्रकार के मधुमेह का इलाज करके इस मधुमेह को ठीक किया जा सकता है, जैसे कि कुछ दवाओं को बंद करके, पिट्यूटरी ग्रंथि के ट्यूमर का उपाय करना आदि.
मधुमेह के संबंधित अधिक जानकारी आप हमारी इंग्लिश वेबसाइट पे भी पा सकते है.