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शारीरिक विकास की प्रक्रिया | Growth On

शारीरिक विकास एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिस को रोका नहीं जा सकता, यह हमारे जीवन का एक स्वाभाविक भाग है. शारीरिक विकास की इस प्रक्रिया के अंतर्गत, हममें से कुछ, दूसरों की तुलना में शीघ्रता से बढ़ते हैं. हम में से कुछ, हमसे पहले बढ़ेंगे तथा कुछ हम से अधिक समय के लिये बढ़ेते है.  इसका एक कारण यह है कि हर कोई एक ही समय में अपने शारीरिक विकास में वृद्धि नहीं पाता.अर्थातइस मेँ आनुवांशिकता का भी योगदान रहता है.

यदि बच्चों का शारीरिक विकास सामान्य स्वरूप का नहीं है, तो,उसका कारण सुनिश्चित करने के लिए उनके स्वास्थ्य का योग्य समय पर डॉक्टर द्वारा परिक्षण किया जाना आवश्यक है. इससे उनके शारीरिक विकास में जो भी बाधाएँ है, उन्हे समय पर समझ के उसका निवारण किया जा सकता है.

मनुष्य के जन्म के समय उस के शरीर में 300 अस्थियाँ होती हैं, किंतु जब तक वो वयस्कता तक पहुंचते हैं, उनमें से केवल 206 अस्थियाँ ही अवशिष्ट रह जाती हैं.

पर ऐसा क्युँ होता है ?

शैशवावस्था में हमारी अस्थियाँ मूल रूप से उपास्थि याकूर्चास्वरूप (Cartilage) होती हैं, इस के कारणस्वरूप वो अधिक संवेदनशील हो जाती हैं एवम हलके से आघात से भी वो टूट सकती हैं.जैसे जैसे हमारी आयु बढती हैं, तो हमारी अस्थियाँएक विशिष्ट प्रक्रिया(Ossification) के अंतर्गत ठोस हो जाती है.अंतिमत: छोटीछोटीअस्थियों के समूह, एकजुट हो के,  विलय हो के, बडी अस्थियों में परिवर्तित हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे शरीर केअस्थियों की कुल संख्या घट जाती है.

ग्रोथ प्लेट्स हमारे शरीर की कुछ लंबी हड्डियों के शीर्ष पर स्थित होती हैं.जबतक उपास्थि से अस्थि बनने की प्रक्रिया आरंभ नही होती, तब तक,ये प्लेटें नए ऊतक बनाना जारी रखती हैं, जबकि पुराना ऊतक अस्थि में परावर्तितहो जाता है, जिस के कारण उनके विकास की प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आती. जैसे ही आप वयस्कता की आयु में पहुँच जाते हो, यह विकास प्रक्रिया रुक जाती है तथा आपकी अंतिम ऊंचाई सीमित हो जाती है. वयस्कता के पूर्व,यदि इन ग्रोथ प्लेटों में कुछ हानि पहुँचती है, तो आपका शारिरिक विकास अवरुद्ध हो सकता है तथा समान गुट की अस्थियोंकी लंबाई में भेद रह सकता है.

ऊंचाई का अनुमान

किसी भी शिशु की संभावित ऊंचाई का अनुमान लगाया जा सकता हैं.सामान्यत:,एक बालिका की तीन वर्ष की आयु में उसकी जो भी ऊंचाई है, वो उस के वयस्क होने तक दोगुनी हो जाएगी.वही,जब कोई बालक की तीन वर्ष व तीन महीने की आयु में उसकी जो भी ऊंचाई है, वो वयस्कता प्राप्त करने तक दोगुनी होगी.

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